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ये 8 व्यक्तियों को दान देने से नरक में जाना पड़ेगा
हमारे प्राचीन ऋषियों ने और उनके द्वारा लिखित शास्त्रों ने, उन लोगों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिया है, जिन्हें दान देना हानिकारक हो सकता है। ऐसे लोग दान देने के अपात्र होते हैं, इनको दान देने से
तेज दिमाग वाले लोग यहाँ से तुरंत भागते है
कुछ ऐसी परिस्थितियों, जो हमारे सामने आने पर, वहां से चले जाना या उस स्थान का त्याग कर देना या पीछे हट जाना ही उचित होता है, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में पड़ना हमारे लिए हानिकारक व कष्टदायक हो सकता है।
मनुष्य को जीते जी आग में जलाती है यह 6 बातें
आचार्य चाणक्य ने किसी मनुष्य को जीते-जी जलाने वाली 6 परिस्थितियों का वर्णन किया है, वे परिस्थितियां ....
ऐसी कौनसी चीज है जो होते हुए भी कोई काम की...
आचार्य चाणक्य ने जीवन में काम आने वाली ऐसी 4 वस्तुओं व गुणों के बारे में चर्चा की है, जिन का सदुपयोग ना होने पर वह व्यर्थ हो जाती है, उनका कोई भी मोल नहीं रह जाता है।
तीन सूत्रों को सीख लो नहीं तो दर दर भटकते रहोगे
आचार्य का कहना है कि हमें किसी व्यक्ति के उचित परीक्षण के उपरांत ही, उस से मित्रता करनी चाहिए और विवाह करने के लिए, कन्या के कुल की जानकारी लेनी चाहिए ना की उसके सौदर्य की।
तेज दिमाग वाले लोग ये 4 बाते हमेशा जानते है
हम अपने जीवन में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के लोगों से, कोई ना कोई सीख ग्रहण कर सकते हैं, क्योंकि हमारे जीवन में हर दिन हमारा परिचय कई प्रकार के लोगों से होता रहता है...
कलयुग में जल्दी सफलता दिलाने वाले 9 सूत्र
नीति-शास्त्र में जीवन के यथार्थ और आदर्श दोनों का सामंजस्य रखते हुए, आचार्य चाणक्य द्वारा ऐसे सूत्रों की रचना की गई है, जो जीवन में सफलता प्रदान करने के लिए, बहुत उपयोगी व लाभदायक हो सकते हैं।
इन चार से मिलता है केवल क्षण भर का आनंद
विद्वान आचार्य चाणक्य ने, अपने नीति-शास्त्र में ऐसी 4 वस्तुओं या चीजों के बारे में जानकारी दी है, जिनसे हमें केवल कुछ क्षणों के लिए ही आनंद प्राप्त होता है, उसके पश्चात इन का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
लोग आपके तलवे चाटेंगे ये 7 काम कर दो
आचार्य ने व्यक्ति की व्यवहारिक जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातों को स्पष्ट किया है, जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। इन बातों को याद रख कर, हम जीवन की समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं, और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इन पांच व्यक्तियों के बीच मे से भूलकर भी ना निकले
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति-शास्त्र में स्पष्ट किया है कि कभी भी इन 5 चीजों के बीच से निकलना उचित नहीं होता है, इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं।